मंजिल अपनी अपनी - 5

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सूरज बोला आईए चाचा जी आईए।मोहन चाचा बोले बहुत दिन हो गए ।सोचा आज इतवार है दोनों मिल ही जाएंगे।सूरज बोला बहुत अच्छा किया आपने हमारी शुद्ध बुद्ध ले जाते हैं।मोहन चाचा बोले चंदा की चारपाई की ओर बढ़ते हुए अरे हमारी बहु रानी को क्या हुआ इस वक्त लेटी क्यों है।सूरज बोला इसकी तबीयत ठीक नहीं है कमर में दर्द है आप बैठिए आपके लिए चाय बना कर लाता हूं।मोहन चाचा बोला तुम क्यों तकलीफ करते हो रहने दो चाय बाय।सूरज बोला इसमें तकलीफ कैसी? आज नौकरानी नहीं आई है! बूढी औरत है !उसे भी तो कभी छुट्टी चाहिए!(