रिश्ता चिट्ठी का - 5

  • 4.4k
  • 1.4k

प्रोफेसर! कैसे हैं आप? आज ये सवाल आप मुझसे पूछ लेते काश! तो बता पाती, जलन से भरी हुईं थीं मैं!!! अच्छा हुआ उससे नहीं मिले आप!! वो, जिसने आपको, आपके प्यार को अपनी ज़िन्दगी में एहमियत नहीं दी, और तो और आपको खेद भी था अपने बर्ताव को लेकर?? इतने अच्छे क्यों हैं आप? एक बात कहूं, उसका होना ना होना मेरे लिए मायने ही नहीं रखता। हाँ, ज़्यादा ही बोल रही मैं, क्या करूँ कुछ और मेरे बस में नहीं है!! मेरी तरह आपके भी दो मन हैं, सुन कर अच्छा लगा। कितनी समानताएं हैं हमारी सोच में