अन्धायुग और नारी--भाग(२१)

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वो लठैत तुलसीलता और किशोरी का पीछा करता हुआ अपने घोड़े से भगवन्तपुरा तक जा पहुँचा, वें दोनों हमसे पहले ही वहाँ पहुँच गईं थीं,क्योंकि किशोरी ने एक मोटे सेठ को फँसा रखा था और उसके पास मोटर थी और जब किशोरी ने उससे मिन्नत की तो उसने अपनी मोटर से दोनों को जल्दी ही भगवन्तपुरा पहुँचवा दिया, तुलसीलता और किशोरी उसी मकान के पास वाले मंदिर में चाची और मेरा इन्तज़ार करने लगी क्योंकि दादी ने बूढ़ी नौकरानी को यही कहकर भेजा था कि जब तक मैं और चाची वहाँ ना पहुँच जाए तो तब तक वें दोनों मकान