अन्धायुग और नारी--भाग(१६)

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इसके बाद वो वकील अंग्रेजी हूकूमत के हवलदारों के साथ उन सभी देवदासियों से मिलने उनकी कोठरी में पहुँचा,लेकिन देवदासियों से मिलने के बाद वें सभी उस वकील से बोलीं कि वे सभी अपनी मर्जी से ये काम कर रहीं हैं,उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ईश्वर के नाम समर्पित कर दिया है,उन्हें देवदासी बनने पर कोई आपत्ति नहीं,वें सभी ये कार्य अपनी इच्छा से कर रहीं हैं,उनसे ये काम जबरन नहीं करवाया जा रहा है, और ये झूठा बयान देवदासियों से कहने के लिए कहा गया था,उन्हें पुजारी ने बहुत धमकाया था तभी वें उस वकील के सामने झूठ बोल रहीं