अन्धायुग और नारी--भाग(१३)

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मुझे भावुक होता देखकर किशोरी बोली.... "तो तूने इसे अपना भाई बना लिया", "और क्या! ऐसा शरीफ़ लड़का ही मेरा भाई बन सकता है,क्यों रे बनेगा ना मेरा भाई!",तुलसीलता ने मेरे चेहरे की ओर देखते हुए कहा.... "हाँ! आज से तुम मेरी बड़ी बहन और मैं तुम्हारा छोटा भाई",मैं ने खुश होकर तुलसीलता से कहा.... "तो फिर मेरी एक बात कान खोलकर सुन ले,यहाँ ज्यादा मत आया कर,नहीं तो हम दोनों के पवित्र रिश्ते पर लोग लाँछन लगाने में बिलकुल नहीं चूकेगें और तू नाहक ही बदनाम हो जाएगा,मेरा क्या है,मैं तो बदनाम हूँ ही", तुलसीलता दुखी होकर बोली.... "और