अन्धायुग और नारी--भाग(११)

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मेरे बड़े भाई ने ये बात बाबूजी और मेरी सौतेली माँ शकुन्तला को बता दी,बात सुनकर सौतेली माँ आगबबूला हो उठी और बाबूजी से बोली.... "देख लिया ना लड़की को ज्यादा छूट देने का नतीजा,अब उसने हमें कहीं भी मुँह दिखाने के लायक नहीं छोड़ा, मेरे तो कोई सन्तान हुई थी इसलिए मैं इन दोनों को ही अपने बच्चे समझकर पाल रही थी,लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि इस लड़की की वजह से हमें ये दिन देखना पड़ेगा" " अम्मा! तुम ज्यादा परेशान मत हो,मैं अभी काका के पास जाकर उनसे बात करता हूँ कि कैसें भी कर के कोई