एक थी नचनिया - भाग(२३)

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डाक्टर मोरमुकुट सिंह टैक्सी से उस होटल पहुँचे जहाँ सभी रह रहे थे,उनके वहाँ पहुँचते ही सभी के चेहरों पर मुस्कान खिल उठी,उनके वहाँ पहुँचते ही पहले उन्हें नहाकर आराम करने को कहा गया,जब वें आराम करके जागे तो तब तक रात के खाने का वक्त हो चुका था,इसलिए पहले सभी ने साथ बैठकर रात्रि का भोजन किया और उसके बाद सभी अगली योजना को लेकर बात करने बैठे,पहले माधुरी बोली.... "डाक्टर भइया! आप हम सभी का साथ देने यहाँ आए,इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया", "इसमें शुक्रिया की कोई बात नहीं माधुरी! मैं कस्तूरी के लिए इतना तो कर ही