आज के दिन हुई घटना के बारे मे सोचते हुए में कब घर पहुंच गया पता ही नहीं चला, घर पहुचते ही देखा कि घर में शांति है, शायद मां ऊपर अपने कमरे में होगी,मन में यह सोच के शांति मिली की अच्छा हुआ मां होल मैं नही है वरना मेरी ऐसी हालत देखकर बेवजह टेंशन लेती। यह सोच के मैं अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगा, भिगने की वजह से पूरा बदन गिला था तो घर के अंदर आते ही ठंड भी लग रही थी। मैं अपने रूम की तरफ बढ़ ही रहा था कि तभी मेरे कानों में