भरोसा - भाग 2

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भाग - २ चाय पिने के बाद चाची बुधिया से पुछती है,” बेटा, एक बात कहू ?” तो बुधिया कहती है, “ हाँ चाची, कहो ना इसमें पुछ्ने कि क्या बात है.” चाची बोलती है, “ बेटा मुझे रामदिन के बारे में बात कहनी है.” क्यों नही चाची, तुम मेरे बारे में साथ हि साथ इनके बारे में कोई भी बात कर सकती हो वह भी बिना झिजक के आखीर वह भी तो आपके बेटे के समान हि है.” तभी चाची कहती है, “ हा रे पगली , तो सून पहले मुझे बता रामदिन को शहर गये कितने दिन हुये