वेद, पुराण, उपनिषद चमत्कार या भ्रम - भाग 16

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शिष्य : जीवन जानने से क्या प्रयोजन है ? गुरु : जीवन जानने की दो विधि, दो रास्ते है, एक है पद्धति है धर्म द्वारा जानना और दुसरी पद्धति है विज्ञान द्वारा जानना. धर्म जोड़ कर जानता है, और विज्ञान तोड़ कर जानता है. विज्ञान चीजों को तोड़ता है, आखिरी सीमा तक, यानी एटॉमिक यूनिट तक, विज्ञान तोड़ने से ही ज्ञान प्राप्त करता है. धर्म जोड़ता है, खंड को अखंड से अंश को विराट से. जैसे अगर एक फूल के बारे में जानना है तो विज्ञान फूल को हिस्सों में तोड़ेगा, इसमें कितनी मात्रा में खनिज हैं, कितना रसायन है, कितना