हरगढ़ के राजा बड़े ही दयालु,धार्मिक व्यक्ति थे. अपनी प्रजा का बहुत ही ध्यान रखते थे, समय-समय पर लोगों से मिलना, प्रजा भी राजा से बहुत ही खुश रहती थी. समय-समय पर राजा धार्मिक आयोजन भी कराते रहते थे.समाज में अच्छे काम करने वालो को सम्मानित भी करते थे.राजा ने अपनी प्रजा के लिये गौशाला,प्याऊ, धर्मशालाएँ,कुएँ आदि की पूर्ण व्यवस्था की हुई थी. एक दिन राजा सोचने लगे कैसे पता लगाऊँ की मेरी प्रजा खुश हैं या नहीं ?पता लगाने के लिए राजा भिखारी के वेश में निकल गये, सिर्फ़ रानी को पता था.जगह-जगह भीख माँगते रहे,अलग-अलग तरह के लोगों