नेतराम तांगेवाला बस अड्डे से यात्रियों को आस पास के गांव में छोड़ता और लाता था। तांगा घोड़ा ही उसकी रोजी-रोटी थी।नेतराम वैसे तो मेहनती ईमानदार पुरुष था, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बड़ी कमी थी कि वह छोटी-छोटी बातों पर क्रोधित हो जाता था, जैसे सब्जी में नमक कम क्यों है, रास्ते में कोई मोटर गाड़ी जब उसे रास्ता ना दे आदि।नेतराम की पत्नी उसे हमेशा समझाती थी कि आप छोटी-छोटी बातों पर कभी अपने से कभी दूसरों से गुस्सा होना छोड़ दो , वरना आप किसी दिन बड़ी उलझन में फंस सकते हो, लेकिन नेतराम अपनी पत्नी की