बजटोत्सव

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सदन मे बजटोत्सव है। जनता फाग गा रही है, थालियां, गालियां, बेल आइकन, मंजीरे बज रहे हैं। सुर, यक्ष, देवता , दानव, भांड... सब सेंट्रल विस्टा के आकाश पर उत्सुकतापूर्वक विद्यमान हैं। सदन ठसाठस भरा है। रंग बिरंगी पगड़ियों में, भाल पर तिलक सजाए, चौड़ी मूंछों वाले, अलग अलग इलाके के सरदार,फॉरच्यूनर पर सवार, मेजें ठोकने आये है। ●●व्यूह सजा है। पीछे नवेड़ी हुल्लड़बाज, बीच मे अनुभवी हुल्लड़बाज, और सबसे आगे दूसरी मेज के बाएं .. अपनी कलगी और दाढ़ी फहराता, सब पर भारी सरदार !!!विशाल भवन के एक कोने में सिमटा विपक्ष, टुकुर टुक़ुर देखते, नाखून चबा रहा है।