अतिथि देवो भव

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ढलती शाम धीरे धीरे बढ़ता अंधेरा एक दिवस के अवसान का संदेश ।अचानक देवरिया रेलवे प्लेट फार्म पर अफरा तफरी एक लंबा चौड़ा लगभग छः फिट लंबा नौजवान गोरा हाफ पैंट औऱ बनियान पहने विक्षिप्त सा पड़ा भीड़ यह कयास लगा रही थी कि शराब आदि के नशे में धुत होगा भाषा उसकी किसी के पल्ले पड़ नही रही थी क्योकि जो भाषा वह बोल रहा था वह किसी भी भरतीय क्षेत्रीय भाषाओं में नही थी अंग्रेजी वह बोल नही रहा था ।जी आर पी और आर पी एफ कि लाख मथा पच्ची के बाद सिर्फ इतना ही समझ आया