भरोसा - भाग 1

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भरोसा भाग - १ सुबह का समय है, थंडी थंडी हवा चल रही है. चिडिया के शोर से सारा गाँव जाग गया है. सर सर आवाज के साथ बुधिया का आगमन हो गया है. हाँ! बुधिया, हमारी नायिका , हमारी यह कहानी एक गांव कि है. जहा एक छोटेसे घर में बुधिया रहती है. उस घर में वह अकेली हि रहती है. सुबह का वक्त है, बुधिया अपने घर के पिछवाडे आंगन में झाडू लगा रही है. तभी पडोसवाली चाची उसे पुकारती है, “ बुधिया ऐ बुधिया ! तभी बुधिया कहती है, हाँ चाची ! मै घर के पिछवाडे में