एक थी नचनिया--भाग(२०)

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जब सभी का मनपसंद खाना आ गया तो सभी खाने लगें,रुपतारा रायजादा बनी मालती ने खूब मसालों वाला खाना आर्डर किया था,जैसें की भरवाँ शिमला मिर्च,मिर्च के पकौड़े,चटपटी दाल और तीखी चटनी,जो वो आराम से खा भी रही थी,उसका खाना देखकर जुझार सिंह खूबचन्द निगम बने खुराना साहब से बोला.... "ये उम्र और ऐसा खाना,इन्हें हज़म कैसें हो जाता है?", तब रुपतारा रायजादा बनी मालती बोली... "क्या कहा,मुझे सुनाई नहीं दिया" तब खूबचन्द निगम साहब रुपतारा रायजादा से बोलें.... "मालकिन! ये फरमा रहें हैं कि इस उम्र में आप ऐसा मसालेदार खाना कैसें खा लेतीं हैं"?, "नामुराद! नज़र लगाता है