एक थी नचनिया--भाग(५)

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कस्तूरी ने घर के किवाड़ो पर लगी साँकल खटखटाई...पानकुँवर ने दरवाजा खोला तो सामने कस्तूरी को देखकर पूछा.... इत्ती जल्दी कैसें आ गई बिन्नू? पहले भीतर तो आन दो,फिर सबकुछु पूछ लइओ,कस्तूरी बोली।। चलो....भीतर.... चलो,पानकुँवर बोली।। कस्तूरी घर के भीतर पहुँची और अपनी दादी पानकुँवर से बोली.... कछु बात हो गई ती,ऐई से जल्दी आने पड़ो, ऐसी का बात हो गई,तनिक हमें भी बता दो,पानकुँवर बोली।। नौटंकी में कछु लफंगा घुस आएं ते,ऐई से रामखिलावन भइया ने हमें जल्दी भेज दओ,कस्तूरी ने झूठ बोलते हुए कहा... तब तो रामखिलावन ने बड़ी सूझबूझ दिखाई जो तुम्हें भेज दओ,पानकुँवर बोली... हाँ!और हम