जीवन @ शटडाऊन - 7

  • 2.7k
  • 930

एपीसोड----2 घर पर प्रतीक्षा करती पत्नी, मुसकरा कर स्वागत करती पत्नी उन के लिये सपना था । रोज़ रोज़ वह दोस्तों के घर, पार्क में या लाइब्रेरी के कोने में कब तक बैठें ? जब ज़िंदगी उजाड़ लगती है तो ऐसे में कोई किताब भी तो मन को नहीं बांध पाती । पहले घर में अकसर उन के मित्र राहुल का परिवार या चाचा की लड़की कांता का परिवार आ जाता था । घर जैसे गुलज़ार हो उठता था । उर्मिला तब भी अपने कमरे से बाहर नहीं निकलती थी । मीता और नरेन ही उनके चायनाश्ते की व्यवस्था करते