पत्र बाऊजी को

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प्रिय बाऊजी,मुझे पता है कि ये पत्र आपको कभी नहीं मिलेगा, मैं जानती हूँ, आपका इस दुनियाँ से पता बदल गया है, आप इस दुनियाँ से दूर जा चुके है, जहाँ से कभी कोई नहीं लौटता। मुझे लगता है शायद ये दुनियाँ भी आपकी तासीर की नहीं थी।शादी के बाद बहुत बार सोचा आपको पत्र लिखु कोशिश भी की, लेकिन बार - बार कागज कोरा ही रह गया । इसका कारण व्यस्तता नहीं थी, मुझे लगता था कि आप हमेशा ही बिना कहे ही सब कुछ समझ जाते रहे, न जाने कहाँ से आपको मेरी हर बात, हर पीड़ा पता