बिन मांगी दुआ

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राम सेवक दो दिन बाद घर वापस आता है तो उसकी पत्नी लाजवंती राम सेवक से बहुत झगड़ा करती है राम सेवक भी उसकी जली कटी बातें चुपचाप सुनता रहता है क्योंकि इन दिनों राम सेवक अपने घर के सारे जरूरी काम छोड़ कर अपने बचपन के मित्र सत्यनारायण की बेटी की शादी की भाग दौड़ में व्यस्त था और अपनी जवान बेटी की शादी की उसे कोई चिंता नहीं थी, ऐसी सोच उसकी पत्नी लाजवंती की थी। उसकी पत्नी की भी गलती नहीं थी क्योंकि उसे पता था कि बेटी रात दिन जवान हो रही है और हमारे पास