अमृत मंथन

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यदि  आज  के  समय  के  हिसाब  से  सोचा  जाए  तो  अमृत मंथन  क्या  है  ? यह  प्रश्न  कही  ना  कही  दिमाग  मे  उठता  ही  है ।  अमृत मंथन  यानि  के  विचारों  का  मंथन  ।  आज  के  युग  मे  कोई  दानव  या  देवता  नहीं  है ।  बस  सब  हमारे  विचारों  पे  निर्भर  करता  है  ।    इसका  मतलब  ये  भी  नहीं  है  की  ।  देवता  ओर  दानव  नहीं  थे  ।  है  ओर  रहेंगे  भी  ।  क्योंकि  अछाई  ओर  बुराई  एक  सिक्के  की  दो  बाजू  है ।  जैसे  सच  ओर  जूठ ।    हमारे  लिए  अमृत  मंथन  का  मतलब  है  ।  विचारों