उजाले की ओर –संस्मरण

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हम भारतीयता और अपनी भाषा हिन्दी पर गर्वित हैं !! ------------------------------------------------------------------- उजाले की ओर----संस्मरण -------------------------------- सभी स्नेही साथियों को नमन हिन्दी दिवस पर इस कॉलम के लिए गुजरात वैभव को अनेकानेक अभिनंदन | मुझे बहुत अच्छी प्रकार से याद है जब गुजरात में 'गुजरात वैभव' पत्र की नींव पड़ी थी | उन दिनों मैं गुजरात विद्यापीठ से पीएच.डी कर रही थी | आ. दादा जी ने इस पत्र की गुजरात में नीव डालकर एक बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाया था | अक्सर वे गुजरात विद्यापीठ आते और उनकी डॉ. नागर, डॉ. काबरा, डॉ. रामकुमार गुप्त आदि से हिन्दी के बारे में