एक बार, 1990 में, मीरा नाम की एक कश्मीरी पंडित लड़की ने कश्मीर में एक भीषण नरसंहार के दौरान एक भयानक घटना देखी। उनकी मां शालिनी के साथ मुस्लिम पुरुषों के एक समूह ने बेरहमी से बलात्कार किया और उनके पिता को टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया। यह अराजकता और निराशा का समय था, जहाँ निर्दोष जिंदगियाँ नष्ट हो रही थीं।इस उलझन में, राघव नाम का एक बहादुर कश्मीरी पंडित मीरा और शालिनी के बचाव में आता है। उन्होंने हमलावरों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर उनसे मुकाबला किया। यह महसूस करते हुए कि उसकी जान खतरे में