जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 7

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अपनी बेटी को उदास देख कर शक्ति सिंह ने चिंतित होते हुए पूछा, "बेटा क्या हो गया? तबीयत ठीक नहीं है क्या मेरी बच्ची की? चलो डॉक्टर को दिखा देते हैं।" नीलू देख रही थी कि उसे जरा-सा उदास देखकर पापा इतने चिंतित हो जाते हैं फिर दूसरी लड़कियों की तकलीफ़ उन्हें क्यों दिखाई नहीं देती। उसने कहा, "मैं ठीक हूँ पापा, डॉक्टर की ज़रूरत नहीं है।" रात को सब अपने-अपने कमरे में सो गए, नीलू रात भर सोचती रही क्या करे? सुबह उठकर नीलू रोज़ की तरह चलने के लिए निकल गई, लेकिन हर सुबह की तरह वह वापस