साथ जिंदगी भर का - भाग 58

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आए आई लव यू टू कुंवरजी आस्था ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा और जवाब में एकांश ने फिर से एक बार उसके उन होठों के पंखुड़ियों को अपने लबों में समा लिया एकांश के होंठ ना जाने कितनी देर तक आस्था को चूमते रहे आस्था ने आवाज की और एकांश ने उसे छोड़ दिया और वह जोर-जोर से सांस लेने लग गई एकांश ने उसे एक पल देखा और अगले पल अपने बाहों में समा लिया अपनी बाहों में उठा लिया डरकर आस्था ने उसके गले मैं अपनी बाह डाल दी क्या कर रहे हैं आप कुंवर जी