पुरे रास्ते राघव और जानकी के बीच खामोशी छाई रही । राघव ने गाडी हवेली के आगे रोकी । जानकी ने सीट बेल्ट खोला और जैसे ही गाडी से उतरने लगी राघव ने रोक दिया । ' एक मिनट ठहरो । ' जानकी उसकी आवाज सुनकर रूक गयी । राघव गाडी से बाहर आया और उसकी साइड का दरवाजा खोल उसे गोद में उठाने के लिए नीचे झुका । जानकी तुरंत पीछे की ओर झुक गयी । " ये आप क्या कर रहे हैं ? मैं खुद चल सकती हूं । प्लीज हम इस तरह सबके सामने अनकंफर्टेबल फील करेंगे