Prem Ratan Dhan Payo - 47

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सुबह का वक्त , ठाकुर भवननारायण जी हॉल में बैठे अखबार पढ रहे थे । गायत्री उनके लिए चाय लेकर आई । उसने चाय का कप उनकी ओर बढाते हुए कहा " बाबुजी आपकी चाय । " नारायण जी ने उसके हाथों से चाय ले ली । गायत्री भी किचन में चली गई । वही ऊपर गिरिराज के कमरे का दरवाजा खुला । वो तो अभी तक सो रहा था लेकिन रागिनी तैयार होकर बाहर चली आई । उसने इस वक्त गायत्री के कपडे पहने हुए थे । वो कुंदन के कमरे के पास चली आई । उसने दरवाज़ा खटखटाया