राघव का गुस्सा धीरे धीरे कर शांत होने लगा था । उसने भी अपना हाथ बढ़ाकर हरिवंश जी को कसकर थाम लिया । कुछ पल बाद राघव बोला " वो लोग कौन थे पापा ? आखिर वो लोग क्या चाहते हैं ? " हरिवंश जी राघव से अलग हुए और उससे बोले " यहां बैठो फिर तुम्हें पूरी बात बतात हूं । " राघव हरिवंश जी के साथ जाकर सोफे पर बैठ गया । समर और कैलाश जी अपनी अपनी जगह पर खडे थे । हरिवंश जी राघव की ओर देखकर बोले " तुम्हें तो मालूम ही हैं की तुम्हारी