रोटी

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रोटी वर्तमान समय में एक ज्वलंत उदाहरण बन कर उभर रही है। रोजी रोटी कमाने तो निकलते हैं मजदूरपर रोजी पक्की हो तो रोटी घर परिवार के लिए दो वक्त की जुगाड़ कर सकें। कभी रोजगार मिला दिहाड़ी मजदूर का, तों दो वक्त की रोटी आज की हो गई परन्तुकल का ठिकाना कहां से करे यह कठिन होता है। समय बदलता है तो हर चीज बदलता है। आहार में परिवर्तन होता है। रोटी के जगह पर पूड़ी बनता है।कभी पुआ भी बनता है। परांठे तो हर घर की पसंद है।परन्तु सूखी रोटी भी तो हमें ही खानी है। उसे कौन