शाकुनपाॅंखी - 6 - सन्देश

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9. सन्देश पृथ्वीराज दिल्लिका की बैठक में चाचा कन्ह देव, महाकवि चन्द, सन्धिविग्रहिकामात्य वामन, सेनाधिपति स्कन्द, चन्द्र पुण्डीर, केहरी कठीर, पज्जूनराय, सलखपरमार, जैतराव, निड्डर, वीर सिंह, लखन बघेल, जाम राय यादव, पहाड़राय तँवर के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं। तराइन की अभूत पूर्व विजय से सभी के चेहरे दमक रहे हैं यद्यपि सैन्यबल की एक टुकड़ी भटिन्डा को अवमुक्त कराने में लगी है। महाराज प्रसन्न मुद्रा में भटिन्डा की स्थिति पर विचार कर रहे हैं। इसी बीच प्रतिहारी ने माथ नवा निवेदन किया कि एक ब्राह्मण महाराज से कुछ निवेदन के लिए उपस्थित है। महाराज के संकेत पर प्रतिहारी