गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 14

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लड़की के मैके से ससुराल आते ही कर्तव्यबोध आ जाता है।वह नीचे चली गयी थीमाँ मुझसे बोली थी,"बहू के लिए साड़ी ला दे।'"साड़ी,"मैं बोला," साड़ी तो इतनी सारी आयी है।फिर साड़ी क्यो?""वो सब भारी साड़ी है।रोज पहिनने के लिए हल्की साड़ी चाहिएऔर माँ के साथ जाकर मैं दो साड़ी खरीद लाया था।हमारे यहां कोई भी शुभ काम देव सोने पर नही होता।इसलिय करीब चार महीनों के लिए शुभ कार्य जैसे शादी आदि रुक जात है।देव सोने वाले थे।इसलिए पहली बार पत्नी को सिर्फ दो दिन के लिए ही ससुराल में रुकना था।28 जून को मेरे सभी साले आ गए थे