शकराल की कहानी - 8

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(8) आदिल आपे से बाहर हो गया। खुशहाल का बाप  जो पास ही में खड़ा था गिड़गिड़ाने लगा । वह पागल हो गया है उस पर रहम करो क्या तुम नहीं जानते कि वह सरदार बहादुर के जांनिसारों में सब से आगे था । तो फिर जो कुछ पूछ रहा हूँ वह बताता क्यों नहीं- आदिल नर्म पड़ता हुआ बोला । अच्छा अब तुम चुप रहो- राजेश ने आदिल से कहा फिर बूढ़े से बोला, रजवान के ग्यारह आदमी एक साथ पागल हो गये हैं- तुमने सुना होगा । हां.....हां....सुना है भाई। बूढ़े ने कहा। तो फिर हमें