ईशान मनु के कमरे में आया तो देखा मनु बालकनी में खड़ी ईशान ने बालकनी में जाकर उसके बगल में खड़े होकर उसके कंधे पर हाथ रखा। पर मनु ने उसकी तरफ नहीं देखा। "अब यार ऐसा भी कुछ नहीं बोल दिया भूतनी जो इतनी ज्यादा नाराज और दुखी हो रही है...! सेंटोले फेंक कर तू मुझे ब्लैकमेल नहीं कर सकतीं तो ये बेकार की कोशिशें भी मत कर।" ईशान बोला।" ईशान प्लीज यार....! अभी ना मेरा मूड बिल्कुल ठीक नहीं है, तू निकल यहां से वरना कहीं तुझे दो चार चमेट न लगा दूं।" मनु चिढ़ते हुए बोली। "