खुली किताब

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मैं एक ऐसी खुली किताब की तरह हूं जिसे पढ़ तो सब सकते है लेकिन समझ बहुत कम लोग को ही आती हुं। जैसे एक तिलती हर किसी के हाथ नहीं आती लेकिन जिसके भी हाथ में आती उसके पास अपना एक प्यारा सा छाप छोड़ जाती है । ठीक उसी तरह अगर आप प्यार से किसी को अपना बनाते हो तो वो आपके लिए कुछ भी कर सकते हैं , लेकिन उसके पास आप जबरदस्ती करोगे या उससे झूठ बोलकर रिश्ते बनाने की कोशिश करोगे तो वो ज्यादा देर तक नही टिक पाती है ।सच्चे रिश्तों में इतनी ताकत