मुसाफ़िर जाएगा कहाँ?--भाग(२६)

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ओजस्वी हवेली के भीतर पहुँची तो वहाँ का सन्नाटा देखकर उसका मन भर आया,फिर वो तेजस्वी के कमरें की ओर गई ,जहाँ तेजस्वी उदास और मायूस सी अपने कमरें में लेटी थी, तेजस्वी के बिस्तर के पास पहुँचकर ओजस्वी ने उससे कहा... कैसीं हो तेजस्वी ? ओजस्वी को सामने देखकर तेजस्वी गुस्से से बोली.... दीदी! तुम! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई यहाँ आने की ? मैं तुम्हें लेने आई हूँ तेजस्वी! ,ओजस्वी बोली... मुझे लेने आई हो,कहाँ लेकर जाओगी मुझे,वहीं जहाँ बाबूजी ने तुमसे तंग आकर आत्महत्या कर ली थी,मुझे भी बाबूजी की तरह मार डालने का इरादा है क्या तुम्हारा? , तेजस्वी ने ज़हर