अभिमन्यु बिन्दु के सवाल का जवाब देते हुए कहता है – "अरे बिन्दु ये अपना युग है अपना बचपन का दोस्त, भूल गयी बचपन में यही तुम्हारी दो चोटी पकड़ के खींच देता था और इसी ने तो तुम्हारा नामकरण किया था बिन्दीया से बिन्दु।" बिन्दु खुश होते हुए कहती है – "अच्छो युग, तुमी काखा ऐ छील?" युग अभिमन्यु की तरफ देखने लग जाता है क्योंकि उसे बिन्दु की बंगाली समझ में नहीं आई थी। अभिमन्यु बिन्दु को समझाते हुए कहता है – "यार बिन्दु तेरी ना बचपन की आदत अभी तक गयी नहीं है, कभी बंगाली में