रिश्तेदार

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कुछ महीने लंदन में अपनी बेटी के साथ रहने के बाद कामतानाथ प्रसाद ने सोच लिया कि अब वापिस अपने देश यानी भारत चला जाए हालाँकि उनके बेटी-दामाद ने उन्हें बहुत समझाया कि वापिस जाकर क्या करेंगे, अब वहाँ कोई ख़ास रिश्तेदार भी नहीं है, जो आपका ध्यान रखेगा और भगवान न करें, कल को कुछ हो गया तो आपके पास कौन होगा । मगर कामतानाथ कहाँ मानने वाले थें । उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि तुम्हारी माँ सरला की बहुत याद आ रहीं है, कल रात तो वो मेरे सपने में आकर पूछने लगी कि वापिस कब आओंगे