मुसाफ़िर जाएगा कहाँ?--भाग(८)

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जब साहूकार रामस्वरूप अग्रवाल जी ने कृष्णराय जी को कुछ नहीं बताया तो वें कुछ मायूस से हो गए तब साहूकार रामस्वरूप जी कृष्णराय जी से बोलें.... माँफ कीजिएगा,कृष्णराय बाबू! मैं अभी दुकान पर जाता हूँ,कुछ अँधेरा होने पर दुकान बंद कर दूँगा,फिर आपके साथ बैठकर बातें करूँगा,तब तक आप इसी बेंच पर आराम कर लीजिए और ऐसा कहकर साहूकार रामस्वरूप जी अपनी दुकान पर चले गए,कृष्णराय जी सफर में साइकिल चलाते चलाते बहुत थक गए थे इसलिए आराम करने के उद्देश्य से बेंच पर लेट गए और वहीं पर लेटे लेटे उन्हें नींद आ गई,अब सूरज पूरी तरह से