कृष्णराय जी ने देखा कि उनके सामने एक नवयुवक और एक नवयुवती खड़े हैं और दरवाजा खुलते ही दोनों कमरें के भीतर घुसते चले आएं,तब कृष्णराय जी बोले.... अरे....अरे...कौन हो तुम लोग और भीतर क्यों घुसते चले आ रहे हो? तब नवयुवक कमरें के दरवाजे की कुण्डी लगाते हुए बोला..... साहब!मैं बंसी का बेटा रमेश हूँ.... तब कृष्णराय जी ने नवयुवती की ओर इशारा करते हुए पूछा.... और ये कौन है? तब रमेश बोला .... साहब!यहाँ से पाँच कोस दूर फूलपुर गाँव है,ये उसी गाँव के सरपंच की बेटी है धानी!ये मुझसे मिलने आई थी,तभी हमें किसी ने देख लिया