असमर्थों का बल समर्थ रामदास - भाग 1

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युगों-युगों से पृथ्वी पर महापुरुषों का आगमन होता आया है। उनके द्वारा ज्ञान, ध्यान, निःस्वार्थ प्रेम और भक्ति से वर्तमान समाज की पात्रता बढ़ाने का कार्य निरंतरता से चलते आया है। समाज के उद्धार के लिए उन्होंने अनासक्ति और अव्यक्तिगत जीवन की कई मिसालें कायम की हैं.इसके लिए कई महात्माओं ने समाज के रोष और कड़े विरोध का सामना किया मगर अपने लक्ष्य से नहीं हटे। आज हम ऐसे ही महापुरुष के बारे में जानेंगे, जिन्होंने भक्ति द्वारा लोगों में शक्ति जगाने का कार्य किया, जिनके नाम में ही उनका सामर्थ्य छिपा हुआ है, वे महात्मा हैं– स्वामी समर्थ रामदास!