मुसाफ़िर जाएगा कहाँ?--भाग(५)

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कुछ समय की यात्रा के बाद कृष्णराय जी रामविलास चौरिहा जी के साथ उमरिया गाँव पहुँच भी गए,रामविलास चौरिहा साहब पहले कृष्णराय जी को अपने कमरें में ले गए और उन्हें चाय पिलाई और अपने माँ के हाथों के बनाएं नमकपारे खिलाएं,कुछ इधरउधर की बातें की और उनके दोस्त किशोर के बारें में और भी बातें जानीं,इसके बाद मुखिया जी के नौकर घीसू से बोले कि वें कृष्णराय जी को रेस्टहाउस छोड़ आइए,रामविलास के कहने पर घीसू कृष्णराय जी का सामान लेकर रेस्ट हाउस की ओर चल पड़ा.... कुछ ही देर में कृष्णराय जी रेस्ट हाउस के ऊबड़ खाबड़ रास्तों