रामायण - भाग 2

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आज से कई वर्षों पहले की बात है। जब धरती पर दैत्यों, दानवों, असुरों और राक्षसों के राजा रावन का आतंक और अत्याचार इतना बढ़ गया था कि चारों ओर सिर्फ हाहाकार ही हाहाकार मचा हुआ था। सारे ऋषि, मुनि और देवतागण भी इस आतंक और अत्याचार से तंग आ गये थे। राक्षसों के राजा रावन के इस आतंक और अत्याचार से बचने के लिए कोई ना कोई उपाय ढूँढ रहे थे। लेकिन उन सबके हाथों सिर्फ निराशा ही निराशा लग रही थी। यहां तक कि स्वंय देवताओं के पास भी दैत्यों के राजा रावन से मुकाबला करने का साहस