हाजी तो स्वागत ही आपका मेरी नई नोवेल हॉरर एक्सप्रेस मे । जहा पर हम बात करेंगे भूतों की । ओर कुछ कहानियों की तो दिल थाम के बेठिए ओर पढिए हॉरर एक्सप्रेस । आज वो अपने गाव के लिए निकल ने वाला था । रात के तकरीबन साढ़े ग्यारह बजे थे । पास मे भी कोई नहीं था । वो बैठे बैठे बस की राह देख रहा था । वो जहा पर बैठा था । वहा पर कोई ठेले वाला भी नहीं था । की उससे पूछ शके । अब माहोल भी शांत हो गया था ।