"क्या कहा बिटिया! राधे को बुखार है,दोपहर में कह तो रहा था कि सिर में दर्द है,मैनें सोचा ऐसे ही हल्का फुल्का दर्द होगा तो बाम लगाने से चला जाएगा,इसलिए मैनें उससे बाम लगाने को कह दिया,मतलब उसकी तबियत सुबह से ही ठीक नहीं थी,चल मैं उसे देखता हूँ", और ऐसा कहकर शास्त्री जी राधेश्याम के कमरें में गए और उन्होंने राधे के माथे पर हाथ धरकर देखा तो उसे सच में बहुत तेज बुखार था और बुखार से उसका चेहरा एकदम लाल पड़ गया था,ये देखकर शास्त्री जी घबरा गए और सरगम से बोलें... "बिटिया! तू इसका ख्याल रख!