मैं पापन ऐसी जली--भाग(३३)

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शास्त्री जी राधेश्याम के संग घर के भीतर पहुँचे तो सरगम उनसे रोते हुए बोली... "आखिर मेरी बदनामी जगजाहिर हो ही गई बाबा! इसलिए मैं शादी नहीं करना चाहती,मेरी वजह से आज आपकी भी इतनी बेइज्जती हुई,मैं पापन हूँ बाबा! और आपके इस पवित्र घर में रहने का मुझे कोई अधिकार नहीं", "नहीं!बिटिया!ऐसा ना बोल,तू पापन नहीं हैं,पापी तो वें हैं जो तुझे समझ नहीं पाए और तेरे बारें में पूरे मोहल्ले में अफवाह फैला दी",शास्त्री जी बोलें... "बाबा!ये अफवाह नहीं! ये तो सच है,उन लोगों ने सच ही तो कहा है मेरे बारें में,मैं बिनब्याही माँ बनी तो थी,कुछ