मैं पापन ऐसी जली--भाग(२९)

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राधेश्याम नहाकर आया तो वो रसोईघर में नाश्ते के लिए पहुँचा और सरगम ने उसकी थाली में भी नाश्ता परोस दिया,नाश्ता करके राधेश्याम बोला... "सच! सरगम जी! बहुत सालों बाद ऐसे नाश्ता किया है रसोईघर में बैठकर,जब से माँ गई है तब से हम बाप बेटे ऐसे ही कच्चा-पक्का कुछ भी पकाकर खा लेते थे,ये नाश्ता करके सच में माँ की याद आ गई" "चलिए आपको मेरी वजह से अपनी माँ की याद तो आई",सरगम बोली... "उन्हें तो मैं हमेशा याद करता हूँ,उनके जाने के बाद हम बाप बेटे का जीवन तो जैसे बिखर सा गया है", राधेश्याम बोला... "बहुत