श्रीगिरिराज की परिक्रमातीर्थ यात्रा के बाद भाई जी अस्वस्थ हो गये थे। स्वास्थ्य लाभ के लिये भाईजी मार्गशीर्ष कृष्ण 5 सं० 2013 (22 नवम्बर, 1956) को गोरखपुर से रवाना होकर रतनगढ़ गये। वहाँ अधिक समय एकान्तमें कमरा बन्द किये रहते थे। वही से माघ शुक्ल 10 एवं 11 सं० 2014 (10-11 फरवरी 1957) को श्रीगिरिराज की परिक्रमा करने गये। साथमें परिवार के सदस्यों के अतिरिक्त प्रेमीजन भी गये। दो दिनमें श्रीगिरिराज की परिक्रमा सानन्द उत्साह पूर्वक सम्पन्न हुई। वहाँ से श्रीराधाजीके दर्शन करने बरसाना भी गये। बैशाख कृष्ण 10 सं० 2015 (13 अप्रैल, 1958) को रतनगढ़ लौट आये।श्रीघनश्यामदासजी जालान का