मैं पापन ऐसी जली--भाग(२४)

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भाई की हत्या हो जाने से अब मनप्रीत बिल्कुल अकेली रह गई,वो दिनभर अपने घर में पड़ी पड़ी रोती रहती,लेकिन भाई के जाने का शोक मनाती भी कब तक आखिर धीरे धीरे उसने खुद को सम्भालना शुरू कर दिया,अब वो खुद ही खेतों में काम करने लगी थी,लोग एक बेसहारा लड़की को अकेली खेतों में काम करते देखते तो उसकी थोड़ी बहुत मदद कर दिया करते,ऐसे ही मनप्रीत को खुद को सम्भालते हुए अब तीन महीने होने को आएं थे और तब उसे शंका हुई कि वो माँ बनने वाली है,अब तो मनप्रीत की जान पर बन आई और वो