हिन्दी कहानी व उपन्यास के क्षेत्र को ‘प्रेमचंद युग’ दिखाने वाले मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस में हुआ था। मुंशी प्रेमचंद की कहानी न सिर्फ हिंदी में पढ़ सकते हैं, बल्कि उर्दू में भी इनके साहित्य पढ़े जा सकते हैं। प्रेमचंद की कहानियों में अपनापन, सामाजिक दशा का वर्णन, जात-पात के भेदभाव से लेकर गरीबी और अमीरी के बीच झलकते दर्द को साफ महसूस किया जा सकता है। यही वजह है कि मुंशी प्रेमचंद की कहानी पढ़ते हुए बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक सभी रम जाते हैं। प्रेमचंद की कहानियों में सेवासदन, गबन, कर्मभूमि, प्रेमाश्रम, गोदान,