भारत की ये पावन भूमि साधु-सन्तों की भूमि रही है। इस भूमि पर आदिगुरु शंकराचार्य, महर्षि वाल्मीकि, गुरु गोबिंद सिंह, गुरु नानक, मीरा बाई, गौतम बुद्ध जैसे महान संतों ने जन्म और अवतार लिया है। महाराष्ट्र की भूमि भी साधु-सन्तों की भूमि रही है। यहाँ सन्त ज्ञानेश्वर, एकनाथ, तुकाराम, रामदास, गोरा कुमार आदि ने जन्म लेकर इस भूमि को पावन बनाया। मराठी भाषा में श्रेष्ठ धार्मिक ग्रन्थों का प्रणयन करके उन्होंने जनसाधारण को भक्ति का मार्ग दिखाया है। इन सभी सन्तों में सन्त नामदेव ऐसे थे। जिन्होंने मराठी भाषा के साथ-साथ मुखबानी हिन्दी में भी अभंगों की रचना की और